कई लोगों को पुराने नोट का कलेक्शन करने का काफी शौक है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, तो ₹7 लाख कमा सकते हैं। पुराने नोट या सिक्कों के लिए कई लोग उच्च दाम देते हैं। यदि आपके पास भी कोई पुराना और दुर्लभ नोट है, तो आप इसे ऐसे लोगों को बेच सकते हैं, जो इसकी उच्च कीमत देने को तैयार हैं। इस नोट या सिक्के की नीलामी ऑनलाइन भी की जाती है, जिसके माध्यम से आप घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से इन्हें बेच सकते हैं।
आज हम जिस नोट की बात कर रहे हैं, वह बीटीएस बीच ग काल का करेंसी नोट है, इसके ऊपर तत्कालीन गवर्नर जे डब्ल्यू के हस्ताक्षर हैं। 1935 में जारी यह नोट करीब 90 साल पुराना हो चुका है। अगर आपके पास भी यह पुराना नोट है, तो आप इसे आसानी से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Coin Bazaar और Quikr पर बेच सकते हैं। यह नोट काफी दुर्लभ है, जो ऐतिहासिक भी है। इस नोट के लोग 7 लाख रुपए तक दाम लगाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, एक बात ध्यान में रखनी होगी कि आरबीआई आधिकारिक तौर पर पुराने नोटों को खरीदने की अनुमति नहीं देती है।
1 रुपये का नोट ऐतिहासिक क्यों?
मुख्य रूप से ₹1 का नोट का इतना उच्च दाम बिकने का एक मुख्य कारण है, कि यह नोट लगभग 29 साल पहले की छपाई बंद कर दी गई थी। तो यह नोट खुद ही दुर्लभ हो गई है और 2015 के बाद एक बार फिर इनकी छपाई शुरू कर दी गई है। लेकिन आज के समय में आज़ादी के पहले की कुछ नोट को उच्च दामों पर खरीदा जा रहा है, जिसके तहत विशेष रूप से कलेक्टर्स के बीच इसकी मांग रहती है। तो अगर आपके पास भी ₹1 का पुराना नोट है, तो आप उसे आसानी से घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से बेच कर 7 लाख रुपए तक कमा सकते हैं।
1 रुपये के नोट के बारे में
₹1 का नोट भारतीय करेंसी सिस्टम में 1917 में शामिल हुआ था। इस नोट पर भारत के तब के सम्राट जॉर्ज पंचम की तस्वीर थी। 1926 से उनकी तस्वीर छपाई बंद कर दी गई थी। इसको देखते हुए 1940 में एक बार फिर इसे प्रिंट करना शुरू किया गया। परंतु 1994 में फिर एक बार छपाई रोक दी गई। अब 2015 में प्रिंट आउट फिर से चालू किया गया है, जिसके तहत ₹1 की बैंक नोट पर “भारत सरकार” लिखा होता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गठन के बाद, यह नोट 1917 में जारी हुआ था, जबकि रिजर्व बैंक की स्थापना 1935 में की गई थी, जिसके चलते अब इस नोट पर “भारत सरकार” लिखा जा रहा है।
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Rajendra Kumar Patel
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