Indian Note Reveal: जैसा कि आप सब जानते हैं हमारे भारत में कई सारी प्राचीनवस्तुएं और मूल्यवान नोट उपलब्ध है। क्या आपको पता है कि हमारे भारत देश में एक समय पर ₹5000 और ₹10000 के बड़े-बड़े लेकिन के लिए उपयोग किया जाते थे हालांकि हमारे इस आधुनिक युग में ₹2000 का नोट सबसे बड़ा माना जाता है लेकिन कुछ समय पहले ₹5000 और ₹10000 के नोटों के साथ भारत की अर्थव्यवस्था चलती थी।
यदि आपको भी लगता है कि केवल ₹2000 का नोट अब तक का सबसे बड़ा नोट है तो आप पूरी तरीके से गलत है क्योंकि कुछ समय पहले भारत में 5 और 10 हजार रुपये के नोट चला करते थे। हालांकि, कुछ ऐसा हुआ कि भारतीय बाजार से इन प्रमुख नोटों को बंद करना पड़ा और यह हमेशा हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया।
Indian Note Reveal
लेकिन उसे समय पर यह नोट हर किसी के पास उपलब्ध नहीं हो पाए थे क्योंकि यह बहुत ही मूल्यवान नोट होते थे और साथ ही यह अधिकतर समृद्ध परिवारों के नागरिकों के पास पाए जाते थे समय बदलते गया और समय के साथ इन नोटों में भी सुधार हुआ इन नोटों की आधी कीमत के नोट जारी किए गए फिर इसके बाद इन नोटों की महत्वता पूरी तरीके से समाप्त हो गई हालांकि आज के समय पर भी कई सारे लोगों के पास ऐसे पुराने नोट पड़े हुए हैं।
कब जारी हुआ था 10 हजार रुपये का नोट
यदि आपको भी यह जानने में दिलचस्प है कि ₹10000 के पुराने नोट कब जारी हुए थे तो बताते चले की भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से साल 1938 में 10,000 रुपये का नोट जारी किया था, जो कि अब तक का भारत का सबसे मूल्यवान नोट माना जाता है और केवल व्यावसायिक नागरिक उद्योगपति के पास ही यह बड़े नोट देखने के लिए मिल पाए थे।
क्यों बंद करना पड़ा नोट
जैसा कि आप सब जानते हैं हमारे भारत देश में विभिन्न प्रकार की करेंसी मौजूद है और उसे समय पर ₹10000 के नोट का प्रचलन भी काफी तेजी से बढ़ता हालांकि विश्व युद्ध के बाद कालाबाजारी और घूसखोरी के तौर पर इस 10 हजार रुपए के नोट का गलत तरीके से उपयोग किए जाने लगा था जिसको देखते हुए सरकार की ओर से वर्ष 1946 में इस 10000 रुपए के नोट पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया था हालांकि फिर से वर्ष 1954 में ये नोट फिर से भारतीय बाजार में लौटा और 1978 तक भारतीय बाजार में अपना प्रचलन करता रहा।
1978 में क्यों बंद करना पड़ा नोट
सबसे पहले आप सभी की जानकारी के लिए बता दे कि उसे समय के नेतृत्व करने वाली सरकार मोरारजी देसाई के द्वारा संचालित करी जाती थी एवं सरकार की ओर से 1978 में वित्तीय लेनदेन में हुई असुविधा के चलते 5,000 रुपये के नोटों के साथ-साथ 10,000 रुपये के नोटों को पूरी तरीके से भारतीय बाजारों से हटना पड़ा था।
बाजार में मौजूद थे इतने करोड़ रुपये
वर्तमान समय में आंकड़ों की गणना करी जाए तो आरबीआई के अनुसार 31 मार्च 1976 तक बाजार में कुल नकदी 7,144 करोड़ रुपये के आसपास के देखने के लिए मिल रही थी वही ₹10000 के नोटों की संख्या लगभग 87.91 करोड़ रुपये थी, जो कुल संख्या का मात्र 1.2 फीसदी के मूल्य पर निर्धारित की गई थी।
Pooja XSKhandve
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